शनिवार, 1 मार्च 2014

हमारा उत्तराधिकार व कर्त्तव्य

जिन पूर्वजों ने हमें यह पंथ, धर्म,संस्कृति और देश उत्तराधिकार में दिया है उनका धन्यवाद और मूल्य हम असंख्य बार अपने शीश चढ़ा कर भी चुका नहीं सकते।
आर्यावर्त्त भारतवर्ष हमारा शरीर और सनातन धर्म हमारी आत्मा। 


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